आरक्षण : एक बुरी कल्पना
आरक्षण : एक बुरी कल्पना
एक दिन खबर पडी कि मन्डल फ़िर से जन्म ले रहा हे। इस बार इसका बिगुल बजा रही हे कान्ग्रेस सरकार, हर जगह आरक्षण होगा, सरकारी मे ही नही private मे भी होगा, विधालयो मे भी होगा, महा- विधालयो मे भी होगा, और तो और लालू बोले, जनरल वालो का भी होगा।
मेरा भतीजा आयुष अभि अभी कालेज से पास हुआ, interview का बुलावा आया, भाई साहब बोले, कि जरा रेल का आरक्षण करा आओ. हम पहुँच गये आरक्षण कराने, फ़ोर्म मे सबसे पहला सवाल, किस केटेगिरि के हे, SC, ST, OBC? हमने जनरल भर दिया। क्लर्क के पास पहुँचा तो वा बोला कि जनरल तो सारा फ़ुल हे, हमने कहा तो RAC देखो, वा बोला RAC तो सिर्फ़ शोषित वर्ग के लिये ही आरक्षित हे, हमने कहा कोई और देख लो, वो बोला कि यहीं एक हे जो जनरल वालों के लिये आरक्षित हे, लालू जी की बात नही सुने क्या?
हमने आयुष से कहा फ़ौज मे ही भर्ती हो जाओ, सुना हे कि एक नयी रेजिमेन्ट बन रही हे, नाम हे, “जनरल रेजिमेन्ट”, लडाई होने पर सबसे पहले इसी रेजिमेन्ट को ही भेजा जायेगा। आयुष बोला ऐसा क्यो, हमने कहा, 50 शहीद होते हे, 100 जनरल के लाइन मे पहले ही खड़े होते हे, आयुष बोला, चाचा, केटेगिरि वाले कहा होते हे, हमने कहा वो “रिसर्व फ़ोर्स” मे होते हे।
बहुत गर्मी हो रही थी, आयुष बोले, चाचा, चलो, कहि हिल स्टेशन चलो, हमने कहा, चलो किसी टरवेल एजेन्ट से मिलो, टरवेल एजेन्ट से मिले, भाई ने पहला सवाल पूछा कि केटेगिरि क्या हे, हमने कहा जनरल, वह बोला जनरल के तो सारे आरक्षित हो चुके हे, सर्दियॉ के लिये 3 खाली हे, अभि आरक्षित करा लो, नही तो आप अपने पीछे लाइन देख ही रहे हे।
हम बहुत भन्नाये घर पहुँचें, आयुष कि नौकरी की चिन्ता, हमने कहा, यार तुम फ़िल्मो मे काम क्यो नही करते हो, अच्छी लम्बाई हे, कद काठी भी अच्छी हे, थोड़ा पालिश हो जायोगे तो हीरों बन जायोगे, और कुछ नही तो कम से कम सास बहु सिरियल मे तो काम पाओगे। आयुष बोला, चाचा, आरक्षण का कीड़ा बोलीवुड को भी लग गया हे, इसलिये तो जनरल बोलीवुड होलीवुड को भाग रहा हे।
हमने कहा यार क्रिकेट टीम मे ही आ जाओ, वहा तो स्टेट का कोटा चलता हे, उत्तर प्रदेश का आजकल बहुत बोल बाला हे, अपने गाजियाबाद का रैना बहुत रन बना रहा हे, 1 मेच भी खेल लोगे तो कम से कम पेप्सी/कोक तो बेच लोगे। आयुष बोला चाचा, कोटा का नही रिसेर्वसन का जमाना हे, सचिन, सौरभ तो क्या, केटेगिरि वालो ने तो द्रविड को भी बाहर निकाला हे।
आयुष बोला चाचा, खाली बैठे हे, शादी ही करवा दो, बड़ी मुश्किल से 1 जनरल लड़की मिली हे, जो कि जनरल वालों से शादी करने को तैयार हे, नही तो आजकल सभी लड़किया केटेगिरि वालो की तरफ़ ही भागती हे, ब्राईट फ़ुचर तो उधर ही हे। भाई साहब को बताया, लड़की के माँ बाप से मिलाया, वो लोग बहुत अप्सेट हुये, लड़का मिला, वो भी जनरल, अरे और कुछ नही तो कम से कम काश्मीरी माईग्रेटं ही देख लेती, 5% तो मिलता। खैर साहब बच्चों की मर्जी, शादी पक्की हो गयी। भाई साहब बोले, पन्डित को तय कर आओ, पन्डित जी के पास पहुँचे, पन्डित जी बोले यजमान, 13 अप्रैल की तो जनरल की फ़ुल हे, हमने कहा पन्डित जी कोई उपाय बताइये, पन्डित जी बोले, OBC लड़की ले आईये, शाम के 4:30 बजे का 1 स्लोट खाली हे, तुरन्त रिसर्व कराइये।
हमे आयुष पर बहुत गुस्सा आया, उससे ज्यादा अपने बाप दादा पर आया, हमारे बाप दादा ने फ़ुयुचर प्लानिँग नहीं करी, रिसेर्वसन तो पहिले भी होता था, मह्न्गाई की तरह इसको भी तो एक दिन बड़ना था। आयुष बोला, चाचा, आप ही कर लेते, और आज हमें गोद ले लेते। हमने कहा, हमने तो प्लानिँग करी थी, 1 केटेगिरि वाली फ़सी थी, घर वालों की बहुत सुनी थी, लेकिन फ़ुयुचर प्लानिँग सुन कर सबकों तसल्ली पडी थी। बुरा हो मन्डल-कम्न्डल का कि उसकी लहर मे वा बह गयी, और रिसर्व कोटा से डॉक्टर हो गयी। आज वो और उसका रिसर्व पति, 1 बड़े से रिसर्व अस्पताल मे रिसर्व वालो का इलाज कर रहे हे। आयुष बोला कि रिसर्व वालों का क्यों? हमने कहा, रिसर्व वालों के पास तो राम विलास पासवान नही जाता, जनरल वाला क्या जायेगा।
रिसेर्वसन का ऐसा सदमा हुआ कि हमें हार्ट अटेक हुआ, आयुष ने भाई साहब को फोन मिलाया तो उधर से आवाज़ आई कि जनरल रूट की सभी लाइनें व्यस्त हे, क्रप्या थोडी देर के बाद फोन करे। आयुष बहुत झुन्झलाये, हमें अपने आप ही अस्पताल ले गये, वहां पहुँच कर पता चला कि जनरल वाले तो सारे बेड भरे जा चुके हे, आयुष को कुछ बेड खाली दिखे, और बोला की वो कुछ बेड तो खाली हे, तो वो बोले कि ये केटेगिरि वालों के लिए रिसर्व हे, आयुष बोले ऐसा कैसे हो सकता हे, वो बोले कयो, जब खाली पडी नौकरियॉ केटेगिरि वालों का इन्तज़ार करती रह सकती हे तो ये अस्पताल के बेड क्यों नही? हमें विश्वास हो गया कि हमारे जाने का समय आ गया हे, हम मर रहे थे और घर वाले दुआ कर रहे थे कि काश यमराज का भी जनरल का कोटा खत्म हो जाये। यमराज आये, बोले चलो, हमने पुछा, आपके यहां रिसेर्वसन नही होता क्या? यमराज हमारी बात सुन कर मुस्कुराया, बोले वत्स, यमलोक मे अभी कोई रिसेर्वसन नही हे, क्योंकि वी पी सिन्ह और अर्जुन सिन्ह इतनी उमर के बाद भी यमलोक मे नही हे।
- द्वारा
उपान्शु सिन्हल्।
19 मई 2006
एक दिन खबर पडी कि मन्डल फ़िर से जन्म ले रहा हे। इस बार इसका बिगुल बजा रही हे कान्ग्रेस सरकार, हर जगह आरक्षण होगा, सरकारी मे ही नही private मे भी होगा, विधालयो मे भी होगा, महा- विधालयो मे भी होगा, और तो और लालू बोले, जनरल वालो का भी होगा।
मेरा भतीजा आयुष अभि अभी कालेज से पास हुआ, interview का बुलावा आया, भाई साहब बोले, कि जरा रेल का आरक्षण करा आओ. हम पहुँच गये आरक्षण कराने, फ़ोर्म मे सबसे पहला सवाल, किस केटेगिरि के हे, SC, ST, OBC? हमने जनरल भर दिया। क्लर्क के पास पहुँचा तो वा बोला कि जनरल तो सारा फ़ुल हे, हमने कहा तो RAC देखो, वा बोला RAC तो सिर्फ़ शोषित वर्ग के लिये ही आरक्षित हे, हमने कहा कोई और देख लो, वो बोला कि यहीं एक हे जो जनरल वालों के लिये आरक्षित हे, लालू जी की बात नही सुने क्या?
हमने आयुष से कहा फ़ौज मे ही भर्ती हो जाओ, सुना हे कि एक नयी रेजिमेन्ट बन रही हे, नाम हे, “जनरल रेजिमेन्ट”, लडाई होने पर सबसे पहले इसी रेजिमेन्ट को ही भेजा जायेगा। आयुष बोला ऐसा क्यो, हमने कहा, 50 शहीद होते हे, 100 जनरल के लाइन मे पहले ही खड़े होते हे, आयुष बोला, चाचा, केटेगिरि वाले कहा होते हे, हमने कहा वो “रिसर्व फ़ोर्स” मे होते हे।
बहुत गर्मी हो रही थी, आयुष बोले, चाचा, चलो, कहि हिल स्टेशन चलो, हमने कहा, चलो किसी टरवेल एजेन्ट से मिलो, टरवेल एजेन्ट से मिले, भाई ने पहला सवाल पूछा कि केटेगिरि क्या हे, हमने कहा जनरल, वह बोला जनरल के तो सारे आरक्षित हो चुके हे, सर्दियॉ के लिये 3 खाली हे, अभि आरक्षित करा लो, नही तो आप अपने पीछे लाइन देख ही रहे हे।
हम बहुत भन्नाये घर पहुँचें, आयुष कि नौकरी की चिन्ता, हमने कहा, यार तुम फ़िल्मो मे काम क्यो नही करते हो, अच्छी लम्बाई हे, कद काठी भी अच्छी हे, थोड़ा पालिश हो जायोगे तो हीरों बन जायोगे, और कुछ नही तो कम से कम सास बहु सिरियल मे तो काम पाओगे। आयुष बोला, चाचा, आरक्षण का कीड़ा बोलीवुड को भी लग गया हे, इसलिये तो जनरल बोलीवुड होलीवुड को भाग रहा हे।
हमने कहा यार क्रिकेट टीम मे ही आ जाओ, वहा तो स्टेट का कोटा चलता हे, उत्तर प्रदेश का आजकल बहुत बोल बाला हे, अपने गाजियाबाद का रैना बहुत रन बना रहा हे, 1 मेच भी खेल लोगे तो कम से कम पेप्सी/कोक तो बेच लोगे। आयुष बोला चाचा, कोटा का नही रिसेर्वसन का जमाना हे, सचिन, सौरभ तो क्या, केटेगिरि वालो ने तो द्रविड को भी बाहर निकाला हे।
आयुष बोला चाचा, खाली बैठे हे, शादी ही करवा दो, बड़ी मुश्किल से 1 जनरल लड़की मिली हे, जो कि जनरल वालों से शादी करने को तैयार हे, नही तो आजकल सभी लड़किया केटेगिरि वालो की तरफ़ ही भागती हे, ब्राईट फ़ुचर तो उधर ही हे। भाई साहब को बताया, लड़की के माँ बाप से मिलाया, वो लोग बहुत अप्सेट हुये, लड़का मिला, वो भी जनरल, अरे और कुछ नही तो कम से कम काश्मीरी माईग्रेटं ही देख लेती, 5% तो मिलता। खैर साहब बच्चों की मर्जी, शादी पक्की हो गयी। भाई साहब बोले, पन्डित को तय कर आओ, पन्डित जी के पास पहुँचे, पन्डित जी बोले यजमान, 13 अप्रैल की तो जनरल की फ़ुल हे, हमने कहा पन्डित जी कोई उपाय बताइये, पन्डित जी बोले, OBC लड़की ले आईये, शाम के 4:30 बजे का 1 स्लोट खाली हे, तुरन्त रिसर्व कराइये।
हमे आयुष पर बहुत गुस्सा आया, उससे ज्यादा अपने बाप दादा पर आया, हमारे बाप दादा ने फ़ुयुचर प्लानिँग नहीं करी, रिसेर्वसन तो पहिले भी होता था, मह्न्गाई की तरह इसको भी तो एक दिन बड़ना था। आयुष बोला, चाचा, आप ही कर लेते, और आज हमें गोद ले लेते। हमने कहा, हमने तो प्लानिँग करी थी, 1 केटेगिरि वाली फ़सी थी, घर वालों की बहुत सुनी थी, लेकिन फ़ुयुचर प्लानिँग सुन कर सबकों तसल्ली पडी थी। बुरा हो मन्डल-कम्न्डल का कि उसकी लहर मे वा बह गयी, और रिसर्व कोटा से डॉक्टर हो गयी। आज वो और उसका रिसर्व पति, 1 बड़े से रिसर्व अस्पताल मे रिसर्व वालो का इलाज कर रहे हे। आयुष बोला कि रिसर्व वालों का क्यों? हमने कहा, रिसर्व वालों के पास तो राम विलास पासवान नही जाता, जनरल वाला क्या जायेगा।
रिसेर्वसन का ऐसा सदमा हुआ कि हमें हार्ट अटेक हुआ, आयुष ने भाई साहब को फोन मिलाया तो उधर से आवाज़ आई कि जनरल रूट की सभी लाइनें व्यस्त हे, क्रप्या थोडी देर के बाद फोन करे। आयुष बहुत झुन्झलाये, हमें अपने आप ही अस्पताल ले गये, वहां पहुँच कर पता चला कि जनरल वाले तो सारे बेड भरे जा चुके हे, आयुष को कुछ बेड खाली दिखे, और बोला की वो कुछ बेड तो खाली हे, तो वो बोले कि ये केटेगिरि वालों के लिए रिसर्व हे, आयुष बोले ऐसा कैसे हो सकता हे, वो बोले कयो, जब खाली पडी नौकरियॉ केटेगिरि वालों का इन्तज़ार करती रह सकती हे तो ये अस्पताल के बेड क्यों नही? हमें विश्वास हो गया कि हमारे जाने का समय आ गया हे, हम मर रहे थे और घर वाले दुआ कर रहे थे कि काश यमराज का भी जनरल का कोटा खत्म हो जाये। यमराज आये, बोले चलो, हमने पुछा, आपके यहां रिसेर्वसन नही होता क्या? यमराज हमारी बात सुन कर मुस्कुराया, बोले वत्स, यमलोक मे अभी कोई रिसेर्वसन नही हे, क्योंकि वी पी सिन्ह और अर्जुन सिन्ह इतनी उमर के बाद भी यमलोक मे नही हे।
- द्वारा
उपान्शु सिन्हल्।
19 मई 2006