Movie Review: Aaja Nachle
फिल्म: आजा नचले
निर्देशक: अनिल मेहता
कलाकार : माधुरी दीक्षित
संगीत: सलीम सुलेमान
उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसा कर्नाटक मे न हो इससे बचने के लिए जितनी जल्दी फिल्म देख लो उतना अच्छा। उप्पर से माधुरी कि फिल्म, और वो भी 6 साल बाद. जैसे ही स्क्रीन पर दिखी और "नमस्कार" किया, तो 1 ही सवाल निकला, "कहा थी आप", और आवाज आई, "मैं कर रही थी किसी अच्छी और मुझ पर केन्द्रित script का इन्तेजार", सवाल जवाब तुरंत ख़त्म कर 1 dance नम्बर और सिट्टियो का शोर शुरू ।
जिस तरह माधुरी real life मैं नेने के साथ अमरीका चली गयी, उसी तरह reel life मैं भी गोरे के साथ अमरीका चली गयी। फिर वापस आ गयी, अपने शहर के डान्स स्कूल को मॉल बनने से रोकने के लिए। शहर वापसी पर माधुरी का ऐसा स्वागत नही हुआ जैसा कि रियल लाइफ मे हुआ।
डान्स स्कूल को बचाने मे उनकी मदद करी कोंकाना सेन, कुनाल कपूर, रणवीर, वगेरा ने, और एरिया के सांसद अक्षय खन्ना, और लोकल बिल्डर इरफान जो उनके दुश्मन थे, वो फेन हो गए।
फिल्म के गाने, अछे हैं, माधुरी डान्स के बारे मे तो कोई सवाल ही नही,। कोंकाना भी बहुत versatile हैं. climax मे २० मिनट कि स्टेज sequnce बहुत ही अच्छी हैं, बोले तो सभी को पूरा मौका मिला हैं और बहुत ही शानदार फिल्माया हैं।
पता नही कि ये फिल्म लोगो कि कितनी पसंद आएगी, लेकिन हम को तो entertaining लगी, माधुरी के फेन जो ठहरे, लेकिन सबसे बडे तो फ़िदा हैं फ़िदा साहब, दुबई मे पूरा सिनेमा हॉल ही बुक कर लिया।
माधुरी के फेन उत्तर प्रदेश मे भी कम नही हैं, खुद फिल्म देखने के बाद, फिल्म ही बंद कराने पर आमदा हो गए, बहन माया ने तो मनमोहन जी को पत्र लिख दिया कि भाई पूरे देश मे फिल्म बंद करो, पंजाब वालो ने जब ये सुना तो पंजाब मे बंद कर दी।
अंत मे तो यही कहूँगा कि एक बार तो देखना बनता हैं।
निर्देशक: अनिल मेहता
कलाकार : माधुरी दीक्षित
संगीत: सलीम सुलेमान
उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसा कर्नाटक मे न हो इससे बचने के लिए जितनी जल्दी फिल्म देख लो उतना अच्छा। उप्पर से माधुरी कि फिल्म, और वो भी 6 साल बाद. जैसे ही स्क्रीन पर दिखी और "नमस्कार" किया, तो 1 ही सवाल निकला, "कहा थी आप", और आवाज आई, "मैं कर रही थी किसी अच्छी और मुझ पर केन्द्रित script का इन्तेजार", सवाल जवाब तुरंत ख़त्म कर 1 dance नम्बर और सिट्टियो का शोर शुरू ।
जिस तरह माधुरी real life मैं नेने के साथ अमरीका चली गयी, उसी तरह reel life मैं भी गोरे के साथ अमरीका चली गयी। फिर वापस आ गयी, अपने शहर के डान्स स्कूल को मॉल बनने से रोकने के लिए। शहर वापसी पर माधुरी का ऐसा स्वागत नही हुआ जैसा कि रियल लाइफ मे हुआ।
डान्स स्कूल को बचाने मे उनकी मदद करी कोंकाना सेन, कुनाल कपूर, रणवीर, वगेरा ने, और एरिया के सांसद अक्षय खन्ना, और लोकल बिल्डर इरफान जो उनके दुश्मन थे, वो फेन हो गए।
फिल्म के गाने, अछे हैं, माधुरी डान्स के बारे मे तो कोई सवाल ही नही,। कोंकाना भी बहुत versatile हैं. climax मे २० मिनट कि स्टेज sequnce बहुत ही अच्छी हैं, बोले तो सभी को पूरा मौका मिला हैं और बहुत ही शानदार फिल्माया हैं।
पता नही कि ये फिल्म लोगो कि कितनी पसंद आएगी, लेकिन हम को तो entertaining लगी, माधुरी के फेन जो ठहरे, लेकिन सबसे बडे तो फ़िदा हैं फ़िदा साहब, दुबई मे पूरा सिनेमा हॉल ही बुक कर लिया।
माधुरी के फेन उत्तर प्रदेश मे भी कम नही हैं, खुद फिल्म देखने के बाद, फिल्म ही बंद कराने पर आमदा हो गए, बहन माया ने तो मनमोहन जी को पत्र लिख दिया कि भाई पूरे देश मे फिल्म बंद करो, पंजाब वालो ने जब ये सुना तो पंजाब मे बंद कर दी।
अंत मे तो यही कहूँगा कि एक बार तो देखना बनता हैं।
1 Comments:
तो आपका हिन्दुस्तान पहुँच कर भी movie review लिखना जारी है, अच्छा है.
By Manoj Agarwal, at 9:24 PM, December 02, 2007
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